पुण्य सत्य की साहस सीख,
ऐसा ही कुछ कहता है,
सूरज पूरब से चढता है....
भीसन गर्जन, पावन बर्षण ,
तपन तपन, एक वाष्पित मन,
सर्द सुबहों को सहलाता है,
सूरज आसमान चढ जाता है...
शांत मृदुल, नवनीत नमन,
संग लालिमा, एक सुन्दर कांचन ,
एक योधा यूं सो जाता है,
सूरज पश्चिम मे खो जाता है ...
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